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हम-हम रह गए

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चले गए वो दिन,

बीत गई वो रातें।

आँखें नम हो गई,

दिल भर आया

याद करके वह मुलाक़ातों॥

अगर मिलने नहीं  सकते हैं,

सपने में आके ही अपना 

हाल बता दिया करो,

दो बातें कह,

दो बातें सुना दिया करो॥

पता नहीं कितनी ही आवाजें लगाईं होंगी

 अरे कहाँ हो,कब आओगे

पर या तो हमारी आवाज़ धीमी थी,

या आप कुछ ज़्यादा ही दूर चले गए।

घड़ी चलती रही

 समय निकलता गया,

पता था कि अब 

आप वापस नहीं  सकते,

पर यह बात जानते हुए भी 

अपने दिल से ही रहे हम लड़ते॥

हमारी आंसुओं की बूँदें 

 मोतियों की तरह गिरती गई,

अरे इनकी क़ीमत तो आपके 

विछोह के सामने कुछ नहीं,

पर यह समझा गई कि,

अब कुछ पहले सा नहीं

आपआप नहीं रहे,

और हमहम रह गए,

और हमहम रह गए॥



Janvi Sharma
Apeejay School Mahavir Marg Jalandhar